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दीवाली – परम्पराएँ एवं पर्यावरण

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अंधकार पर प्रकाश , अज्ञान पर ज्ञान एवं असत्य पर सत्य की विजय का यह महा पर्व दीपोत्सव समाज में उत्साह, उमंग, उल्लास ,  बंधुत्व एवं प्यार  फैलाता है। सामूहिक एवं व्यक्तिगत दोनों ही प्रकार  से मनाए जाने वाला यह   त्यौहार धार्मिक , सांस्कृतिक व सामाजिक महत्व रखता है। दीपमाला  हमारे अंदर के अज्ञान रूपी अंधकार को दूर करने के लिय्रे  ज्ञान रूपी  दीपक  जलाने का सन्देश देती  है जिससे कि मानव मात्र का जीवन रोशन हो सके |       मनोवैज्ञानिक डॉ. जॉयस ब्रदर्स के अनुसार उत्सव का अर्थ शाही पार्टियों,  कपड़ों, गहनों, तथा पटाखों तक सीमित नहीं है . उत्सव का मतलब “ खुशी ” से है. जो कि जरुरी नहीं है धूम धड़ाके और धन खर्च कर मिले . दरअसल उत्सव वे परम्पराएँ है , जो व्यक्ति के आतंरिक उद्देश्यों की पूर्ति करते है. इन परम्पराओं का दोहराव हमें एक दूसरे के करीब ले आता है और समाज के प्रति हमें और जिम्मेदार बनाता है .     अब हमें सोचना होगा , सोचना ही नहीं सोचकर बदलाव लाना होगा, क्या इस दीवाली जो हम उत्सव मनाने जा रहे है , हमारे आतंरिक उद्देश्यों की पूर्ति कर रहा है. क्या पटाखों के धूम धडाको तथा उल जलूल खर्च

अयोध्या ......

क्या बनाने आये थे और क्या बना बैठे ... कहीं  मंदिर तो कहीं मस्जिद बना बैठे ... हमसे तो परिंदे अच्छे है जो ... कभी मंदिर पे जा बैठे ... कभी मस्जिद पे जा बैठे... जय हिंद

अपना देश

“ अच्छा है दिल के पास रहे पासबान-ए-अक्ल , लेकिन कभी-कभी इसे तनहा भी छोड़ दें ” -   इस शे ’ र के बिल्कुल उलट अपने देश और इसकी व्यवस्था को कभी-कभी पासबान-ए-अक्ल दरकार हो तो अच्छा है। अमेरिकी सरकार की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत दुनिया का तीसरा सबसे शक्तिशाली देश होने जा रहा है। जब दुनिया की आर्थिक ताकतों की कमर टूट गई है , तब हमारा बाजार वापस बीस हजारी हुआ है। उनकी विकास दर अगर नकारात्मक नहीं है तो वही गनीमत है। हमारी विकास दर दो अंकों के करीब है।   यह यौवन अभी दो-तीन दशक तक रहेगा और हम निश्चित रूप से दुनिया की शक्तियों की अगली पंक्ति में होंगे। पर वह तभी हो पाएगा , जब देश अपनी मूलभूत चुनौतियों से लड़ पाएगा। अभी महाशक्ति का दंभ भरना मधुर लगता हो , पर आगे कई कड़वे सच मुंह बाए खड़े हैं। राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजन में जिस तरह की लफ्फाजी , बेईमानी और निकृष्टता का प्रदर्शन हुआ है , उससे हमारी साख को बड़ा बट्टा ही लगा है। बार-बार चीन से बेहतर होने की बात कर हमने अपने आपको बदतर बना लिया। भ्रष्टाचार सिर्फ इस आयोजन की पहचान नहीं है। देश की हर योजना , परियोजना इस रोग से ग्रस्त है और इसे खत्म क

Life.........

Life is too short.  So, follow some rules: Forgive quickly, believe slowly, love truly, laugh loudly & never avoid anything that makes U smile.. .