अयोध्या ......

क्या बनाने आये थे और क्या बना बैठे ...

कहीं  मंदिर तो कहीं मस्जिद बना बैठे ...

हमसे तो परिंदे अच्छे है जो ...

कभी मंदिर पे जा बैठे ...

कभी मस्जिद पे जा बैठे...

जय हिंद

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